Monday 2 May 2016

अभी-अभी

बस अभी-अभी की ही तो बात है
जब मेरी एक दोस्त ने मुझसे पूछा
कैसे बयाँ करूँ अपने दिल के जज्बात
एक लड़के से, जिससे शायद उसे हो गया है प्यार
डरती है कुछ भी ऐसा कहने से
कहीं दिल का कोई कोना ना टूट जाये
क्या पता
शायद उस लड़के को भी
उस लड़की से हो इतना ही प्यार
फिर भी एक घबराहट सी है
दोनों को एक दूसरे से
अपने दिल की बात बताने में
मैंने कहा
बुध्धू कहीं की
प्यार अगर है तुझे
तो डरना किस बात का
कुछ ऐसा कर
जिससे उसे भी हो जाये तुमसे प्यार
और फिर बस प्यार और इकरार
फिर कभी-कभी आपस में तकरार
यही है जिंदगी मेरे यार ।

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