Friday 12 February 2010

पीना मानो उन्हें ज़िन्दगी सा लगता है..

पीना मानो उन्हें ज़िन्दगी सा लगता है ,
औरों की ज़िन्दगी उन्हें बेकसी सा लगता है ,
पीने के इंतज़ार में सारी ज़िन्दगी गुजर गयी ,
आज फिर दिल है टूटा,पर पैमाना अच्छा लगता है |

पीने वालों से पूछो , है चीज क्या पीना..!
जिसने पी नहीं शराब , उनका जीना क्या जीना ,
लोग नशे में झूम रहे , क्या कहती है तू ज़िन्दगी ,
दर्द भरे बाँहों में कैसे , रहती है तू ज़िन्दगी..!!

यह शब्द नहीं भावना है , ज़रा महसूस करके देखो,
यकीन न आये तो , पास के 'मैखाने' में जाकर देखो,
रात भर सारा मैखाना पी लो , होश ठिकाने आ जाएगी ,
फिर जाम-पे-जाम पीने से क्या फायदा , जब सुबह उतर जाएगी ..!!

' शायरी दोस्त ' ,' बेवफा शराब ' , और क्या-क्या बताएं ज़नाब ,
हम तो जी रहे हैं पर , न जाने उनका क्या होगा क्या पता,
यारों के संग बैठे थे पास के 'मैखाने' में ,
वो बेखबर मदहोश दीवाने थे ,छलकते पैमाने के |