Monday 2 May 2016

!! तोहफ़ा !!



ये शानदार तोहफा है तेरा मुझे,
कि तुम हर पल ख्यालों में आती हो,
हर गुजरते वक़्त,
मुश्किलों को झेलने का हौसला बढाती हो ।

तू मुझमें बसी कुछ इस क़दर है,
कि हर सफ़र, हर जगह,
बेक़रार दिल ढूँढता बस तुम्हें है,
कम्बखत रास्ते, कहीं और ले आता है ।

तू ज़रा सा हाथ बढ़ा दे अब,
कि तुझे शिद्दत से छू लूँ अभी,
तमाम रूह की लज्ज़त है अब,
कि कुछ गुफ्तगू कर ली जाये ।

पता नहीं ये सपने रहे ना रहे,
और दिन में देखे हुए ख्वाब,
ये तुमसे जुड़ने की है कोशिशें,
कि हर कदम ख्वाबों की ताबीर बनाती हो ।

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