Thursday 2 April 2009

ज़िन्दगी 'खास है'

ज़िन्दगी सबके लिए खास है, फिर भी बकवास है ,
लाख ठोकर खाकर भी ,सदा जीने की आस है |

कहीं कोई सोच में डूबा , तो कोई बिंदास है ,
सब कुछ कर देने के बाद भी , होता न कुछ भी आभास है ,
क्यूंकि सबकी सोच का , अपना अलग ही अंदाज़ है ,
जैसे कि ज़िन्दगी सबके लिए खास है , फिर भी बकवास है |

जवानों को हर घड़ी , सुनाई देती एक आवाज़ है ,
हमेशा रहो तैयार , न जाने कब आघात है ,
दुश्मनों का अपने ऊपर , कुछ ऐसा ही ख़यालात है ,
क्यूंकि ज़िन्दगी सबके लिए खास है , फिर भी बकवास है |

2 comments:

Sudesh Kumar Singh said...

gindgi bakwas hai ya nahi ye to mujhe malum nahi lakin ye kabita aapki jaroor hai

Unknown said...

marvalous!!!
jindagi khas hai
isne bata diya ki
tum bhi bhut khas ho
keep continue